नया वर्ष
कथा साहित्य | लघुकथा ओमप्रकाश क्षत्रिय 'प्रकाश'4 Sep 2013
यह वर्ष आप के जीवन मे नव उमंग,
नव उत्साह, नव स्फूर्ति, नव सफलता
का वर्ष हो। यही कामनाएँ है।
जैसे ही यह वाक्य मैंने एक महाशय को कहा तो वो बोले, "आप भी इसे नया वर्ष मानते है?"
मैंने कहा, "हाँ।"
"हमारा नया वर्ष चैत से चलता है। हम तो उसी से नया वर्ष मनाते है।"
"आप बहुत बढ़िया करते हैं," मैंने कहा, "मेरे लिए तो हर पल नया है। इसे नया पल कहो या नया वर्ष। क्या फ़र्क़ पड़ता है?"
"यह हमारा वर्ष नहीं है?" उन्होंने विरोध किया।
"आप सही कहते है," मैंने कहा, "आप काग़ज़ों में, कंप्यूटर में, सरकारी कामों में और यहाँ तक की जीवन इसी दिनांक और वार से काम चलता है। इन्हें हटा दीजिए। हम सब नए वर्ष को नए माह से मनाना शुरू कर देंगे।"
"यह संभव नहीं है," उन्होंने इतना ही कहा और चलते बने।
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