भारतमाता
काव्य साहित्य | कविता सौरभ मिश्रा1 Sep 2022 (अंक: 212, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
जय हो भारतमाता की
बार-बार चिल्लाता है
कहाँ है भारत?
कौन है माता?
समझ नहीं वह पाता है।
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