चल भूख प्यास की भी कहानी लिख दे
काव्य साहित्य | कविता डॉ. गोरख प्रसाद ’मस्ताना’1 Nov 2019
चल भूख प्यास की भी कहानी लिख दे
सूखे अधर पे, दाना पानी लिख दे
मैं जानता, दीनों को महल दे नहीं सकते
मालिक! उन्हें एक अदद पलानी लिख दे
जो तरस रहे मुठ्ठी भर धूप के लिए
उनके लिए एक सुबह, सुहानी लिख दे
हैं धृतराष्ट्र बनके, सत्ता में जो बैठे
उनको महाभारत की कहानी लिख दे
कुछ लोग रोशनी को दाब, घर में हैं बैठे
उनके विरुद्ध, युद्ध तूफ़ानी लिख दे
अन्याय जोर ज़ुल्म के ख़िलाफ़ जो खड़े
साहस में उनके नई जवानी लिख दे
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
गीतिका
कविता
पुस्तक समीक्षा
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं