इशारा
कथा साहित्य | लघुकथा अशोक रंगा15 Dec 2021 (अंक: 195, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
कार के पास कार मालिक और उसका दोस्त खड़े-खड़े बात करते हुए कुछ खा रहे थे। इसी दौरान एक कुत्ता कार के पास आया और अपनी पूँछ हिला कर कुछ उसको भी खाने के लिए देने का इशारा करने लगा।
मालिक ने उसके इशारे को समझते हुए धर-धर कर उसे भगा दिया। कुत्ता पास में फुटपाथ पर बैठे भिखारी के पास गया और अपनी पूँछ हिला कर उससे भी रोटी माँगने लगा।
भिखारी ने अपनी रोटियों में से एक रोटी निकाल कर कुत्ते को डाल दी। कुत्ते ने रोटी खाई और फिर कार के पास आकर उसके अगले चक्के पे अपनी टाँग उठा कर उसे गीला कर आगे चलता बना।
कार मालिक इस बार भी कुत्ते का इशारा अच्छी तरह से समझ चुका था पर इस बार वह ख़ामोश ही रहा।
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