लाल होगा आसमान
काव्य साहित्य | कविता मधुलिका मिश्रा15 Apr 2019
तूफ़ान है कोई,
जो उड़ा ले जाएगा बस्तियाँ भी,
अब सुधरने का है समय,
वरना मिट जाएँगी हस्तियाँ भी।
हैरान होगी कुदरत भी,
जब छर्रे ही रह जाएँगे,
और बाक़ी कुछ भी नहीं
तब ख़ुद को क्या जवाब दोगे
जब सच आएगा सामने,
ख़ुद से भी नज़र नहीं मिला पाओगे,
तो जन्नत क्या पाओगे?
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Mohammed waris Siddiqui 2019/04/21 07:03 AM
Very nice....