याद रखना
काव्य साहित्य | कविता राजीव डोगरा ’विमल’15 Nov 2020
उठूँगा एक दिन
तूफ़ान बन कर
मुझे याद रखना।
बहूँगा एक दिन
आँखों का आँसू बनकर
याद रखना।
दूँगा दर्द सीने में
याद बनकर
याद रखना।
ढूँढो गे मुझे तुम
अपने और परायो में
याद रखना।
चीख़ उठोगे
अपनी नासमझी पर एक दिन
याद रखना।
बड़ा भरोसा है तुम्हें जिन पर
छोड़ जाएँगे वो एक दिन
याद रखना।
बहुत तड़पोगे एक दिन
मेरे लिए तुम
याद रखना।
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