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अनुभव के बोल सर्वग्राही कथा संग्रह

शीर्षकः अनुभव के बोल कहानी संग्रह
लेखक: राम जी भाई
प्रकाशन: प्रभात प्रकाशन, नई दिल्ली
मूल्य: ₹250/-

अनुभव के बोल कहानी संग्रह राम जी भाई द्वारा लिखित प्रेरणाप्रद तथा सामाजिक सरोकारों के साथ मानव मूल्यों की स्थापना तथा सनातन परम्परा के निर्वाह की प्रेरणा प्रदान करने वाला है। अनुभव के बोल कहानी संग्रह में 51 कहानियों को संकलित किया गया है। 

संग्रह की पहली कहानी ‘कार चालक’ में कार चालक अपनी ईमानदारी के साथ अपने ही कार्य की परीक्षा अपने मालिक से लेकर अनूठा उद्धारण प्रस्तुत करता है तो ‘एक घंटा समय’ कहानी का कहन और अत्यंत अनुपम है। ‘आधा किलो चावल’ कहानी संचय के प्रति लालसा और लोभ की प्रवृति पर कुठाराघात करती है। अच्छी सोच, एक पैसा, बूढ़ा पिता, बुद्धि का एक मिनट, आम का पेड़ आदि कहानियाँ भारतीय दर्शन की रोशनी में समाजिक पात्रों के माध्यम से प्रेरणादायक अनुभूति का परिचय कराती हैं। 

रामजी भाई की कहानियों में शब्दों का चयन बोलचाल की भाषा के अत्यंत सरल है। सरल शब्दों के माध्यम से पात्रों के द्वारा कथानक गढ़े गये जो चाक्षुष सुख का आनंद देते हैं। विद्वानों का मत है कि जो कहानी चाक्षुष सुख प्रदान करती है वह कहानी कालजयी होती है। कहानियों में रामजी भाई ने अभिनव प्रयोग किए हैं। 

ग़ौरतलब है कि हर वर्ष हज़ारों किताबें लिखी जाती हैं उनमें कुछ किताबें ऐसी होती हैं, जिनकी अहमियत, प्रासंगिकता आने वाले सालों में भी बनी रहती है, उसी श्रेणी में ‘अनुभव के बोल’ कहानी संग्रह है। कहानियों में उच्च मध्य वर्ग की आकांक्षाओं, सपनों और यर्थात जीवन की विसंगतियों के वृत्तांत हैं। कहानी का समापन भी बड़े मज़ेदार अन्दाज़ में किया गया है। 

लेखक ने स्वयं सेवक के रूप में पूर्वी उ.प्र. के विभिन्न क्षेत्रों में लम्बे समय तक कार्य किया है जिसके कारण उनकी भाषा सर्वग्राही और जनसुलभ लोकग्राही बनी है। लेखक ने पुराकथाओं को नएपन में गूँथकर स्वाद को दोगुना कर देने की कला के कारण यह कथा संग्रह पाठकों के दिमाग़ को झकझोरती हुई उन्हें समृद्ध करता है। कुछ मिलाकर कह सकते है कि अनुभव के बोल कहानी संग्रह पाठकों को निश्चित ही उपयोगी और पाठनीय लगेगा। 

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