एक प्यार एक दोस्ती
काव्य साहित्य | कविता अनिकेत तोमर15 Jun 2024 (अंक: 255, द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)
एक तेरे हाथों की मेहँदी
आँखों का काजल बनूँ तेरे
होंठों की लाली जो मुझसे भी हो लाल
बिंदी बनूँ तेरी जो बस लगे मेरे लिए
तेरा सजना सँवरना ज़रूरी नहीं
मुझे तेरी सादगी काफ़ी है
मुझे दूर होना भी मंज़ूर है
मेरे लिए तेरी एक हँसी काफ़ी है
नज़र आता है तेरा चेहरा हर रोज़
इन जब आँखों के आईने में
तुझसे मिल लेता हूँ वहीं
मुझे इतना काफ़ी है
एक रोज़ जब फिर आऊँगा यहाँ
लिखा कर लाऊँगा भाग्य तेरे नाम पर
उस रोज़ तुझे रुकना होगा
मेरे साथ मुझे अपना मान कर
कोई बहाना नहीं चलेगा अनिकेत
फिर ये दोस्ती के नाम पर
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