नारी क्या है?
काव्य साहित्य | कविता अनिकेत तोमर15 Mar 2024 (अंक: 249, द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)
नारी क्या है?
नारी एक दीपक है जो ख़ुद जलती है
समाज को प्रकाशित करती है
ख़ुद तले तो रहता है अँधेरा पर
आपने प्रियों के जीवन को
प्रकाश से भर देती हैं
समाज के लिए पृथ्वी के समान
पवित्र है नारी
नारी एक तपस्विनी है एक कर्मयोगनी भी है
वो माँ शक्ति के समान कठोर भी है
और प्रेम में डूबी हुई महिला के
समान कोमल भी है
नारी ही सबका है केंद्रबिंदु
बस इतनी सी है ये कहानी
कि कुछ भी सम्भव नहीं बिना नारी
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