गौरैया लौट आयेगी
काव्य साहित्य | कविता हरेन्द्र श्रीवास्तव1 Feb 2023 (अंक: 222, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
हाँ गौरैया लौट आयेगी
एक दिन खुले मैदानों में
जंगल और झाड़ियों में
गाँवों में खेतों में खलिहानों में
तिनके चुन बनायेगी नीड़
हर शाखा हर पेड़ पर
हर छप्पर हर घर के मुँडेर पर
दाना चुगेगी कीड़े खायेगी
आँगन में चहकेगी गीत गायेगी
अगर बचे रहेंगे वन, नदी, पोखर
जब बंद करेगा मानव प्रकृति का दोहन
घास उगेगी, फूल खिलेंगे, हरियाली आयेगी
हाँ सचमुच तब गौरैया लौट आयेगी!!
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