इम्तिहान
काव्य साहित्य | कविता राजेन्द्र शर्मा1 Nov 2023 (अंक: 240, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
21वीं सदी
टूटते ख़्वाब की सदी
बिखरते इंसान की सदी
खिसकते आधार की सदी
फिसलकर गिरते सवार की सदी।
21वीं सदी—
21वीं सदी
लूट-मार की सदी
भागम-भाग की सदी
सिमटते ऐतबार की सदी
चेहरों से उतरते नक़ाब की सदी।
21वीं सदी—
21वीं सदी
जलते चाँद की सदी
सिसकते रेगिस्तान की सदी
पिघलते हुए आसमान की सदी
जमते रिश्तों में अभिमान की सदी।
21वीं सदी—
21 वीं सदी
आपदाओं की सदी
अतिमारी-बीमारियों की सदी
हताशा और निराशाओं की सदी
इंसानी वुजूद के आज़माइशों की सदी।
21 वीं सदी—
21वीं सदी
तेरे होने के इम्तिहान की सदी।
21वीं सदी
मेरे होने के इम्तिहान की सदी॥
21वीं सदी—
21वीं सदी
बनने-सँवरने की सदी
उम्मीदों-आशाओं की सदी
संगठित मज़दूरों-किसानों की सदी
मज़बूत इरादों-बुलन्द आवाज़ों की सदी।
21वी सदी—
21वीं सदी
आम-ओ-ख़ास की सदी
भक्त और दीवानों की सदी
कारख़ानों की अभियानों की सदी
आदमी में आदमियत के प्रमाणों की सदी।
21वीं सदी—
21वीं सदी
तेरे होने के इम्तिहान की सदी।
21वीं सदी
मेरे होने के इम्तिहान की सदी॥
21वीं सदी—
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