प्रश्न
काव्य साहित्य | कविता राजेंद्र ‘राज’ खरे1 Nov 2022 (अंक: 216, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
[1]
तुम्हारी निगाहें पूछती हैं
कि तुम मुझे घर क्यों नहीं ले जाते?
तुम कितना बोलते हो,
कितना सोचते हो–
कितनी बड़ी बड़ी बातें करते हो,
फिर,
तुम मुझे घर क्यों नहीं ले जाते?
[2]
मेरे पास कुछ उत्तर नहीं
कुछ बहाने हैं-
जो तुम्हारी निगाहों की गहराई में
कहीं उतर नहीं सकते,
उतरने से डरते हैं, पर-
मैं तुम्हें प्यार करता हूँ–
यह तुम्हारा–
मेरे छोटेपन को समझने का,
नायाब तरीक़ा है।
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