उम्मीदवार और टिकट
हास्य-व्यंग्य | हास्य-व्यंग्य कविता संजय एम. तराणेकर15 Sep 2024 (अंक: 261, द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)
हरियाणा के उम्मीदवार,
कह रहे हैं शान से।
टिकट मिले ना मिले,
लड़ेंगे की जान से।
आलाकमान जो चाहे,
अब वह नहीं होगा।
हम जो भी कहेंगे,
अब वही सही होगा।
देख रहे हैं राह,
मिलेगा हमको टिकट?
नहीं मिला हमको तो,
परिस्थिति होगी विकट।
विरोधी पार्टी से मिल,
हम सुलझा लेंगे संकट।
जब जीतेंगे चुनाव,
तब कहलाएँगे विधायक।
हो जाएँगे तब हम,
सब मंत्री बनने लायक़।
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