गणतंत्र दिवस है न्यारा!
काव्य साहित्य | कविता संजय एम. तराणेकर1 Feb 2025 (अंक: 270, प्रथम, 2025 में प्रकाशित)
आओ फिर लहरायें तिरंगा प्यारा,
अपना ये गणतंत्र दिवस है न्यारा।
छहत्तरवाँ ‘गणतंत्र‘ ख़ुशी मनाये,
उन शहीदों पर श्रद्धा सुमन चढ़ायें।
1950 को अपना गणतंत्र लागू हुआ,
पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद!
झंडा फहराया और दे दी सौग़ात।
आओ फिर लहरायें तिरंगा प्यारा,
अपना ये गणतंत्र दिवस है न्यारा।
ये वही ऐतिहासिक था पल हमारा,
जिससे गौरवान्वित था भारत सारा।
ये विश्व का है सबसे बड़ा संविधान,
आज भारत में हैं लोकतंत्र ही महान!
देश में होते रहते है कई अनुसंधान।
आओ फिर लहरायें तिरंगा प्यारा,
अपना ये गणतंत्र दिवस है न्यारा।
समरसता, विश्वशांति की ये धरा,
प्रगतिपथ व मानवता पर है खरा।
तन, मन, धन हुआ है सब पावन,
आओ करें सभी शहीदों को नमन।
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