लो आया तीज का त्योहार
काव्य साहित्य | कविता संजय एम. तराणेकर15 Sep 2024 (अंक: 261, द्वितीय, 2024 में प्रकाशित)
लो आया तीज का त्योहार,
सखियों हो जाओ तैयार।
आओ करें सोलह शृंगार,
पाएँ ख़ूब पति का प्यार।
बढ़ाओ माथे की चमक,
लगा लो गोल बिंदियाँ।
आज तो न आएगी निंदिया।
लो आया तीज का त्योहार,
सखियों हो जाओ तैयार।
जिनमें हो चूड़ी की खनक
छमा-छम पायल की झनक।
रचाओ मेहँदी हाथों में,
चाहे न सूखे बरसातों में।
पिया भले न ले जाए लंदन,
ये मज़बूत हैं स्नेह बंधन।
लो आया तीज का त्योहार,
सखियों हो जाओ तैयार।
आओ झूलों पर ख़ूब झूलें,
आज आसमान को छू लें।
करूँ स्थापित शिव और गौरा,
पूजूँ सुहाग का सिन्दूरहोरा।
चले मंदिर करें शिव दर्शन,
हो अमर सुहाग रहें आकर्षण।
लो आया तीज का त्योहार,
सखियों हो जाओ तैयार।
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
कविता
हास्य-व्यंग्य कविता
कहानी
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं