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आतिशी मार-लेना मैदान

 

केजरीवाल ने बनाया प्लान, 
इस्तीफ़े का भी किया एलान। 
रहेगी बरक़रार मेरी भी शान। 
बोले आतिशी मार-लेना मैदान। 
रह गए पीछे उनके ख़ास साथी, 
मनीष, संजय, सौरभ रहें बाक़ी। 
सुनीता की बिना पद है झाँकी। 
मेरे पास है दिल्ली की जीतन। 
नहीं काटने दूँगा ज़्यादा फीतन। 
सुनो मैं हरियाणे का सच्चा हूँ। 
कुर्सी पकड़ के बैठा था मैं तो। 
राजनीति का बहादुर बच्चा हूँ। 
कितने मुझ पर लगाओ आरोप। 
मैं पंजाब जैसा पौधा दूँगा रोप। 
भले ही कोई मुझे कहे बेलदार, 
यही है नाटक-नौटंकी खेलदार। 
कहने दो उन्हें डमी है-डमी है। 
भला आतिशी में कोई कमी है, 
दूध, घी व मक्खन सब सही है। 
चलो हरियाणा ही निकलते हैं, 
हुड्डा जी को परेशान करते हैं। 

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