मैं तुम्हें क्या दूँ...?
काव्य साहित्य | कविता नीतू झा1 Jun 2021 (अंक: 182, प्रथम, 2021 में प्रकाशित)
कमल या फूल गुलाब दूँ?
मैं सोचती हूँ, तुम्हें क्या ख़िताब दूँ?
हवा को कह दूँ झूमे तुम्हारे आने पर?
फूलों की बरसात उसके साथ दूँ?
मैं सोचती हूँ तुम्हें क्या जवाब दूँ…?
पाती लिखूँ या ईमेल से तार दूँ?
पढ़-पढ़ के जो दिल न भरे, ऐसी कुछ सौग़ात दूँ?
सितारे बिखेर दूँ, चाँद के आर पार दूँ?
मैं सोचती हूँ तुम्हें क्या जवाब दूँ…?
मेंहदी की ख़ुशबू आँखों का छलकता प्यार दूँ?
जो लब से कह न सके, धड़कते दिल का इज़हार दूँ?
तुम आओ मेरे आगे ढूँढ़ती नज़रों का सलाम दूँ?
मैं सोचती हूँ तुम्हें क्या जवाब दूँ…?
सदियों की तड़प, ख़ुद की बेख़्याली,
ज़र्रे ज़र्रे में बसी तुम्हारी ख़ुशबू का हिसाब दूँ?
तुम चंदन, मैं ख़ुशबू, लिपटकर तुमको प्यार दूँ?
मैं सोचती हूँ तुम्हें क्या जवाब दूँ…?
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