परिंदे और पतंग
काव्य साहित्य | कविता अक्षय भंडारी1 Feb 2022 (अंक: 198, प्रथम, 2022 में प्रकाशित)
परिंदे ने पतंग से पूछा
तुम कब थम जाओगे
आसमान से लौटकर
धरा पर कब आओगे
पतंग ने कहा जिन्होंने
मुझे उड़ाया है जिनके
हाथ थम जाएँगे फिर
डोर के साथ हम
लौटकर धरा पर आ जाएँगे
पतंग ने पूछा है—
परिंदे तुम यह क्यों
पूछते हो ये सवाल
उसने कहा पतंग के संग चली
तेरी साथी डोर से हमें डर सा
लगता है, हम परिंदे पूछते हैं
कि हम आसमान में कब निकले।
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