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ताक़त तेरी फ़क़ीर ने लेकर के क्या दिया

बहर: मुज़ारे मुसम्मन अख़रब मकफ़ूफ़ महज़ूफ़
अरकान: मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईलु फ़ाइलुन
तक़्तीअ: 221    2121    1221    212
 
ताक़त तेरी फ़क़ीर ने लेकर के क्या दिया
बदले में तुझको अपना कटोरा थमा दिया
 
डॉलर ये कैसे गिर गया हैरान ट्रंप है
नीचे से गिन के रुपया किसने उठा दिया
 
महँगाई ख़त्म हो गई हर चीज़ सस्ती है
वादा किया था उसने जो वो सब निभा दिया
 
पेट्रोल सस्ता हो गया डीज़ल भी सकता है
शिक्षा है मुफ़्त गैस भी सस्ती करा दिया
 
चश्मा लगा के देखा तो महँगाई ख़त्म थी
अंधों का चश्मा था वो जो सबके लगा दिया
 
विज्ञान की न मान के साहब की बात पर
ताली व थाली दोनों ही हमने बजा दिया
 
सबका विकास है यहाँ वो सब के साथ है
फिर भी हमारे वक़्फ़ को उसने मिटा दिया
 
दंगाई घर पे मारते बाहर पुलिस का डर
भाई को तूने भाई से ऐसे लड़ा दिया
 
अपना ‘निज़ाम’ कोई ख़ुदा के सिवा नहीं
आई है अक़्ल देर से जब सब लुटा दिया

 — निज़ाम फतेहपुरी

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