भाव
काव्य साहित्य | कविता जितेन्द्र मिश्र ‘भास्वर’1 Feb 2021 (अंक: 174, प्रथम, 2021 में प्रकाशित)
गीत में संगीत भरा ,
पुष्प में पराग है।
कीचड़ में कमल खिला ,
जीवन में राग है ।
मन में विचार नए,
सुरमई तान है।
आशा भरे दीप जले,
मान है अभिमान है।
क़दम क़दम मिलाकर,
हमें साथ चलना है।
देश की समृद्धि हेतु,
हमें कुछ बदलना है।
स्वच्छता अभियान और,
महिला उत्थान की।
विश्व में चर्चा है,
भारत महान की।
एकता अखंडता का,
हृदय में भाव लिए।
आन बान शान और,
राष्ट्र स्वाभिमान की।
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