देश भक्तों को नमन
काव्य साहित्य | कविता जितेन्द्र मिश्र ‘भास्वर’15 Sep 2020 (अंक: 164, द्वितीय, 2020 में प्रकाशित)
नमन उन्हें जो आज़ादी,
लाने में क़ुर्बान हुए।
नमन उन्हें जो ज्ञात नहीं,
सेनानी जो बलिदान हुए।
नमन उन्हें जिनके कारण,
भारत अपना आज़ाद हुआ।
नमन उन्हें अंग्रेज़ों से,
जिनका कठोर संवाद हुआ।
नमन उन्हें जो स्वतंत्रता के,
लिए सदा लड़ते थे।
नमन उन्हें जो भारत माता की,
जय बोला करते थे।
नमन उन्हें जो स्वतंत्रता के लिए,
अपना सब कुछ भूल गए।
जीवन को बलिदान कर दिया,
और फाँसी पर झूल गए।
उनकी क़ुर्बानी पर हम सब,
श्रद्धा सुमन चढ़ाते हैं।
आज़ादी के परवानों की
गाथा हम सब गाते हैं।
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