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दर्द-ए-दिल कौन जाने 

बहरे रमल मुरब्बा सालिम 
फ़ाइलातुन    फ़ाइलातुन 
2122    2122
 
दर्द-ए-दिल कौन जाने 
यार अपना कौन माने
 
देखते है आँख भर कर 
प्यार अपना कौन माने
 
ख़ाक हूँ मैं दर-ब-दर की
मोल मेरा कौन जाने 
 
ढूँढ़ता हूँ ख़्वाब अपने 
राज़ मेरा कौन छाने 
 
रात भर मैं सोचता हूँ
यार करता क्यों बहाने
 
जिस्म मेरा थक गया है
फिर भी जाता हूँ कमाने
 
हक़्क़ मेरा कौन देगा 
तू पता दे ओ ज़माने

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