दर्द-ए-दिल कौन जाने
शायरी | ग़ज़ल इरफ़ान अलाउद्दीन1 Apr 2023 (अंक: 226, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
बहरे रमल मुरब्बा सालिम
फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन
2122 2122
दर्द-ए-दिल कौन जाने
यार अपना कौन माने
देखते है आँख भर कर
प्यार अपना कौन माने
ख़ाक हूँ मैं दर-ब-दर की
मोल मेरा कौन जाने
ढूँढ़ता हूँ ख़्वाब अपने
राज़ मेरा कौन छाने
रात भर मैं सोचता हूँ
यार करता क्यों बहाने
जिस्म मेरा थक गया है
फिर भी जाता हूँ कमाने
हक़्क़ मेरा कौन देगा
तू पता दे ओ ज़माने
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