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प्यार में सुख कभी नहीं मिलता 

 

बहरे खफ़ीफ मुसद्दस मख़बून 
फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
 
2122     1212     22

 

प्यार में सुख कभी नहीं मिलता 
टूट  जाओ  हसीं  नहीं  मिलता
 
अपना  अनुभव  बता रहा हूँ मैं
यार  अपना  ख़ुदी  नहीं मिलता
 
एक  दम  से  ख़याल  आया ये 
शाइरी   से   हनी  नहीं  मिलता
 
बे-ख़ुदी1  में  लुटा  न  देना  सब 
होश  वालों  रज़ी2  नहीं  मिलता
 
या ख़ुदा मोजिज़ा3 दिखा अपना 
अब यहाँ पर सख़ी4 नहीं मिलता
 
1. बे-ख़ुदी=अपने आप को भूल जाना, अपने आप में रहना, बेसुधी, अचैतन्य; 2. रज़ी=पसंदीदा,ख़ुश करने वाला; 3. मोजिज़ा=चमत्कार; 4. सख़ी=दान करने वाला, बड़े दिल वाला

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