मेरी प्रेयसी
काव्य साहित्य | कविता चंद्रभान सितारे15 Oct 2023 (अंक: 239, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
हरा भरा मन उपवन
तेरे मुख छवि किरणों से
प्रेम भाव के पुष्प खिलें
तेरे धरा सुन्दरी नैनन से
मधुर राग छेड़ता मलयज
तेरी बातों के सरगम से
रसपान कर बेसुध मधुप
तेरे रस भरे अधरों से
देख जिसे सुध बुध खोए
फिर कुछ भी सूझे नहीं
प्रेम लग्न की मधुर अग्न में
डूब, उसे कुछ बूझे नहीं
सहमी चाँदनी, भौचक्का चाँद
देख जिसे, बादल भी रुके नहीं
ऐसे प्रियतम को लिखने को
अब तो शब्द भी बचे नहीं
अन्य संबंधित लेख/रचनाएं
टिप्पणियाँ
कृपया टिप्पणी दें
लेखक की अन्य कृतियाँ
कविता
हास्य-व्यंग्य कविता
नज़्म
विडियो
उपलब्ध नहीं
ऑडियो
उपलब्ध नहीं