जीवन : लड़कियों का
काव्य साहित्य | कविता चंद्र मोहन किस्कू15 Nov 2020
प्रतिदिन ही अख़बार में
ख़बर बन रही हैं
लड़कियाँ
कहीं पर उसकी
इज़्ज़त लूटी गई है
कहीं पर उसे
डायन कहा गया है
और कहीं पर उसे
ज़िन्दा जला दिया गया है
अपनों के बीच
रहने पर भी
वह अकेला ही –
नरक का जीवन
जी रही है
माँ की गर्भ में
रहने पर भी
उसे शांति कहाँ
लोग जान जायेंगे तो
वह बच नहीं पायेगी।
अब चारों ओर
अपने आँसू गिरा रहीं हैं
औरतें।
सबको इज़्ज़त देती
प्यार बाँटती है हर पल
और वह ख़ुद
एक बूँद प्यार के लिए भी
तरसती रहती है।
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