अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा वृत्तांत डायरी बच्चों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

रेखाचित्र पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

उनकी अदाएँ उनके मोहल्ले में चलते तो देखते

22   122   22   222 1222   212
 
उनकी अदाएँ उनके मोहल्ले में चलते तो देखते
वो भी कभी यूँ मेरे क़स्बे से गुज़रते तो देखते
 
बस दीद की उनकी ख़ाहिश लेकर भटकता हूँ शहर में
लेकिन कभी तो वह भी राह गली में दिखते तो देखते
 
केवल बहाना है यह मेरा चाय पीना उस चौक पे
सौदा-सुलफ़ लेने वह भी घर से निकलते तो देखते
 
हर रोज़ उनको बिन देखे ही लौट आने के बाद मैं
अफ़सोस करता हूँ कि थोड़ा और ठहरते तो देखते
 
मैं बा-अदब ठहरा था जब गुज़रे थे वो मेरे पास से
ऐ 'अर्श' उस दिन ही गर आँखें चार करते तो देखते

अन्य संबंधित लेख/रचनाएं

 कहने लगे बच्चे कि
|

हम सोचते ही रह गये और दिन गुज़र गए। जो भी…

 तू न अमृत का पियाला दे हमें
|

तू न अमृत का पियाला दे हमें सिर्फ़ रोटी का…

 मिलने जुलने का इक बहाना हो
|

 मिलने जुलने का इक बहाना हो बरफ़ पिघले…

टिप्पणियाँ

अभय राठौड़ दानापुर 2021/10/20 11:17 PM

Khubsurat Ghazal

विक्की राव 2021/08/30 02:03 PM

kya baat gajab

कुंदन शर्मा 2021/08/25 03:57 PM

खूबसूरत ग़ज़ल

आलोक वर्मा 2021/07/01 03:21 AM

ख़ूबसूरत शायरियां जी

अशोक वाजपेयी 2021/06/26 04:59 AM

सुन्दरम

अजय चंद्राकर 2021/06/24 01:39 AM

Kya kahne bas waah

विनोद उपाध्याय 2021/06/23 08:30 PM

शानदार ग़ज़ल वाह जनाब

Dr. Shankar lal 2021/06/22 12:01 PM

Bahut hi khub ghazal mahoday.. namaskar

कुलदीप शर्मा 2021/06/17 05:13 PM

शानदार गजल सर

दिलीप सिंह 2021/06/15 10:59 PM

कमाल की ग़ज़ल सर

Tanu neha 2021/06/15 09:36 PM

Touching poetry

Nisha 2021/06/15 09:23 PM

Nice shayari

Kavi Niraj 2021/06/15 01:33 PM

umdaa ghazal bhai sahab bahut khub

Pradeep Bhardwaj 2021/06/15 02:04 AM

Lovely, nice gajal

प्रवीन ठाकुर 2021/06/14 09:19 PM

कमाल की ग़ज़ल जनाब

Rishu Shrivastava 2021/06/14 11:45 AM

Wonderful..

अभय चौटाला 2021/06/14 02:14 AM

वाह वाह बहुत खूब ग़ज़ल कही है आपने वाह

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

ग़ज़ल

कविता

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं