इश्क़ तो इश्क़ है सबको इश्क़ हुआ है
शायरी | ग़ज़ल अमित राज श्रीवास्तव 'अर्श’1 Nov 2021 (अंक: 192, प्रथम, 2021 में प्रकाशित)
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इश्क़ तो इश्क़ है सबको इश्क़ हुआ है,
इस क़दर कुछ न हुआ जो इश्क़ हुआ है।
चेहरा एक निगाहों से न हटे जब,
वास्ता आप भी समझो इश्क़ हुआ है।
क्या छुपाना दुनिया से हाल ये अपना,
बिन डरे आज बताओ इश्क़ हुआ है।
दिल की हर बात हो ज़ाहिर इश्क़ में फ़ौरन,
आज महबूब से कह दो इश्क़ हुआ है।
फ़लसफ़ा इश्क़ का सबको ख़ूब दिए हम,
आज लगता है कि हमको इश्क़ हुआ है।
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