वंशीधर शुक्ल का काव्य
शुक्ल जी की कविताएँ ग्राम्य जीवन का जीवन्त दृश्य उपस्थित करने में तो सक्षम हैं ही साथ ही राजनीतिक चेतना का आदर्श रूप भी हमारे सम्मुख प्रस्तुत करती हैं। शुक्ल जी ने कृषकों और श्रमिकों की दयनीय स्थिति और शोषण का सजीव चित्रण किया है। उनके संघर्ष और त्रासदपूर्ण जीवन का वास्तविक प्रतिबिम्ब वंशीधर जी के काव्य में देखा जा सकता है।
पुस्तक पढ़ेंलेखक की पुस्तकें
लेखक की अन्य कृतियाँ
कविता - हाइकु
पुस्तक समीक्षा
- दूधिया विचारों से उजला हुआ– 'काँच-सा मन'
- भाव, विचार और संवेदना से सिक्त – ‘गीले आखर’
- भावों का इन्द्रजाल: घुँघरी
- विविध भावों के हाइकु : यादों के पंछी - डॉ. नितिन सेठी
- संवेदनाओं का सागर वंशीधर शुक्ल का काव्य - डॉ. राम बहादुर मिश्र
- साहित्य वाटिका में बिखरी – 'सेदोका की सुगंध’
- सोई हुई संवेदनाओं को जाग्रत करता—पीपल वाला घर
सामाजिक आलेख
दोहे
कविता
कविता-मुक्तक
लघुकथा
सांस्कृतिक आलेख
शोध निबन्ध
कविता-माहिया
कविता-ताँका
साहित्यिक आलेख
विडियो
ऑडियो
उपलब्ध नहीं