कोरोना से संबंधित चौपाइयाँ
काव्य साहित्य | कविता पुष्पा मेहरा1 May 2020 (अंक: 155, प्रथम, 2020 में प्रकाशित)
भक्षक छंद चौपाई
१.
भक्षक बन आया कोरोना, सुन आता है सबको रोना।
हाथ मिलाने पास न जाना, हाथ जोड़ कर दिल बहलाना॥
२.
जग में आज उदासी छाई, सूना अम्बर साँझ न भाई।
घर में बंदी हो कर बैठे, दिखें दूर से ऐंठे – ऐंठे॥
३.
हाल दिलों का दिल में रहता, कठिन वक्त की पीड़ा सहता।
डरे- डरे शीशों से झाँकें, ताप करोना का बस आँकें॥
४.
महिषासुर सा है कोरोना, करता हत्या करे न टोना।
देवी फिर धरती पर आओ, चीनी पाश काट के जाओ॥
५.
जग में आज उदासी छाई, सड़क मौन चुप पत्ते माई।
तुम करुणाकर कष्ट निवारक, तुम ही हो रक्षक जग पालक॥
६.
तेज पुंज हो रक्षक जग की, देवि ज्योति तुम ही हो सबकी।
हाथ जोड़ वर माँगूँ तुमसे, कोविद दूर करो अब जग से॥
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