नव अभिनन्दन
काव्य साहित्य | कविता डॉ. पुनीत शुक्ल15 Nov 2023 (अंक: 241, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
नया सूर्य है नई ऊर्जा, नई चेतना नई विभा
नए नए सब नूतन चेहरे, नव संकल्प है नई दिशा
नया-नया है परिवर्तन यह, कायाकल्प के हेतु बना
नई बुलंदी छूने हित ही, नया क़दम है लिया उठा
नव स्पन्दन है सपनों का, नई दिशा है नई विधा
नई-नई ये चंचल बूँदें, वातायन लग रहा नया
माटी की है गंध नई सी, इंद्रधनुष का रंग नया
नव आदर्शों की पगडंडी, कर्त्तव्यों का पंथ नया
आलिंगन हित डटी खड़ी है, नई चुनौती, नई कला
नए-नए यह चक्रव्यूह हैं, अभिमन्यु का शौर्य नया
नए-नए अनुभव जीवन के, आत्मचित्त का भाव नया
आओ नव का करें सब स्वागत, नव से मिलती नई दिशा।
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अरुण कुमार प्रसाद 2023/11/19 12:03 PM
नयेपन का स्वागत.