थोड़ा रब पर छोड़ दीजे
शायरी | ग़ज़ल निहाल सिंह15 Jun 2023 (अंक: 231, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
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थोड़ा रब पर छोड़ दीजे
आप ग़ुस्सा छोड़ दीजे
खाइये ख़ुद का पकाया
उसका झूठा छोड़ दीजे
आपके दिल तक है जाना
आप रस्ता छोड़ दीजे
बच्चें भूखे सोते है रोज़
दारू पीना छोड़ दीजे
क्या रखा है लड़ने में यूँ
अब से झगड़ा छोड़ दीजे
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