रोगी को मर्ज़ की कुछ दवा चाहिए
शायरी | ग़ज़ल निहाल सिंह1 Jun 2023 (अंक: 230, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
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रोगी को मर्ज़ की कुछ दवा चाहिए
के परिन्दों को थोड़ी हवा चाहिए
यूँ बुलाने पे आ जाती है बेटियाँ
उनको भी तो पिता की दुआ चाहिए
थोड़ा सा मैं भी ख़ुदग़र्ज़ फिर हो गया
की वफ़ा के यूँ बदले वफ़ा चाहिए
काम आयेंगी वो कुछ बुढ़ापे में भी
साॅंसे सीने में थोड़ी ज़मा चाहिए
जब दवा काम यूँ बंद कर देती है
फिर तो जीने के वास्ते दुआ चाहिए
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