बिजली के खम्भे के नीचे का गड्ढा
काव्य साहित्य | कविता डॉ. नीरू भट्ट15 Jul 2022 (अंक: 209, द्वितीय, 2022 में प्रकाशित)
वो बिजली के खम्भे के नीचे
का गड्ढा
झमाझम बारिश से
लबालब भरा।
और . . .
साथ ही थोड़ा पानी
इथर उधर बिखरा।
संध्या होने पर
बल्ब के जलते ही
गड्ढे में बना
बल्ब का सुन्दर प्रतिबिम्ब।
फिर क्या था!
छुटपुट बारिश की बूँदों ने
बना दिये केलिडियोस्कोप के
न जाने कितने
अद्भुत बिम्ब!
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