एक होना चाहिए
काव्य साहित्य | कविता संजय श्रीवास्तव1 Jun 2023 (अंक: 230, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
इतिहास की घटनाओं से हमें शिक्षा लेनी चाहिए
हो गईं जो भूलें उनसे सीख लेनी चाहिए
उलझने से आपस में हासिल कुछ भी नहीं होगा
भुलाकर भेदभाव सारे हमें एक होना चाहिए . . .
भुलाकर भेदभाव सारे हमें एक होना चाहिए।
देश का इतिहास हमें आईना दिखाता है
क्या सही क्या ग़लत हुआ बताना चाहता है
भुलाकर इतिहास अपना राष्ट्र आगे बढ़ता नहीं
बुनियाद है इतिहास इसे मज़बूत करना चाहिए . . .
भुलाकर भेदभाव सारे हमें एक होना चाहिए।
देश की बुनियाद को मज़बूत करना है हमें
इतिहास सच्चा देश का फिर से गढ़ना है हमें
नाम पर इसके जितना छल अब तक हो चुका
ग़लतियाँ इतिहास की अब सुधरनी चाहिए . . .
भुलाकर भेदभाव सारे हमें एक होना चाहिए।
इतिहास सच्चा देश का जब तक छुपाया जाएगा
युवा राष्ट्र का हीन भावना से ग्रसित ही पाया जाएगा
भावी पीढ़ी इस कृत्य पर शायद ही माफ़ करे हमें
समय शेष है अभी भी पहल ठोस करनी चाहिए . . .
पहल ठोस होनी चाहिए . . .
भुलाकर भेदभाव सारे हमें एक होना चाहिए।
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