तुम्हारी मुस्कान
काव्य साहित्य | कविता पवन त्रिपाठी1 Mar 2024 (अंक: 248, प्रथम, 2024 में प्रकाशित)
तेरी मुस्कान में छुपा है प्यार,
दिल की धड़कनों में बसा है इक इज़हार।
रातें हैं मेरी, बेहद ख़्वाबों से भरी,
तेरी ये मुस्कान है मेरी ज़िन्दगी का प्यार।
तेरी बातों में बसी है मिठास,
तेरी आँखों में है सबसे ख़ास।
ये प्यार है बेहद गहरा, ये प्यार है सच,
तू मेरी ज़िन्दगी का हर पल,
हर लम्हा मेरे लिए है बहुत ख़ास।
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