मैं और बर्फ़ीली पहाड़ियाँ
काव्य साहित्य | कविता पवन त्रिपाठी1 Oct 2023 (अंक: 238, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
बहुत दिनों बाद
पहाड़ों ने इशारा किया है
इससे पहले
ये बर्फ़ीले पहाड़ ख़ामोश थे!
लेकिन अब इन्होंने
पिघलने का इशारा किया है
वो वादियाँ जिनका मुझे इंतज़ार था!
अब उनको निहारने का समय आ गया है!
जब इन वादियों में से
कोहरा उठकर मेरे पास आयेगा
मैं सुबह अँगड़ाई लेकर
इसे समेटने की कोशिश करूँगा!
जब ये वादियाँ
पहाड़ियों की ढलानों में से गुज़रेंगी
तब मेरी आँख खुलेगी!
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pavan tripathi 2023/09/17 09:45 PM
bhut sunder