बस एक ‘सौदा’
काव्य साहित्य | कविता रेखा राजवंशी1 Oct 2023 (अंक: 238, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
लड़की
बेची, ख़रीदी जाती है
नापी, तोली जाती है
देखी, परखी जाती है
वेश्यालय में
उसका कोई
अस्तित्व नहीं होता
उसके दुःख दर्द
कोई और नहीं ढोता
वो लड़की नहीं
बन जाती है
बस एक ‘सौदा’
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