मेरी माटी मेरा देश
काव्य साहित्य | कविता वेद भूषण त्रिपाठी15 Aug 2023 (अंक: 235, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
आओ जन जन स्नेहभाव से
संकल्पित हो जाएँ।
मेरी माटी मेरा देश
का कर्त्तव्य बोध कराएँ।
हर घर तिरंगा फहराकर
स्वातंत्र्योत्सव मनाएँ।
शिला फलकम स्थापित कर
पंचप्रण शपथ उठाएँ।
वसुधा वंदन दीप प्रज्ज्वलित कर
माटी तिलक लगाएँ।
कल्पवृक्षों से सुसज्जित
अमृत नक्षत्र वाटिका सजाएँ।
प्रकृति दायित्वबोध कराकर
अमृत सरोवर स्वच्छ बनाएँ।
अमर शहीदों को स्मरण कर
श्रद्धानत हो शीश झुकाएँ।
उनके परिजन भी वंदनीय
सद्भावी सम्मान बढ़ाएँ।
स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीदों
की गौरव गाथा गाएँ।
झंडारोहण राष्ट्रगान कर
राष्ट्रीय ध्वज फहराएँ।
ध्वज संहिता का परिपालन कर
गरिमामय सम्मान बढ़ाएँ।
ग्राम पंचायत नगर निकाय से
अमृत कलश सजाएँ।
कर्त्तव्यनिष्ठा से कर्त्तव्य पथ तक
अमृत कलश पहुँचाएँ।
अमृत वाटिका सुसज्जित कर
धरती शस्यश्यामला बनाएँ।
भू-धरा की पावनता का
वैश्विक भान कराएँ।
आओ जन जन स्नेह भाव से
संकल्पित हो जाएँ।
अपनी माटी अपना देश
का कर्त्तव्य बोध कराएँ।
हर घर तिरंगा फहराकर
स्वातंत्र्योत्सव मनाएँ।
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