लोकतंत्र
काव्य साहित्य | कविता वेद भूषण त्रिपाठी1 Jun 2023 (अंक: 230, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
आओ सब मिल स्वाभिमान से
लोकतंत्र का मान बढ़ाएँ।
मानवता को संकल्पित हो
जनजीवन समृद्ध बनाएँ।
जन-जन के आँखों में सपने
हों साकार सुयश सुंदर बन।
बच्चे हों कर्मनिष्ठ राष्ट्र के
राष्ट्रभाव से शिक्षा पाएँ।
विकसित नहीं विकासशील हो
समरसता का पथ अपनाएँ।
खिल जाए ख़ुशियों से चेहरा
सब मिलकर जनतंत्र सजाएँ।
आओ सब मिल स्वाभिमान से
लोकतंत्र का मान बढ़ाएँ।
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