विश्व रक्तदाता दिवस 2023
काव्य साहित्य | कविता वीरेन्द्र जैन15 Jun 2023 (अंक: 231, द्वितीय, 2023 में प्रकाशित)
(14 जून, 2023)
रक्त ना हो अगर तन में भला कैसे जिए कोई,
है अचरज क्या रक्तवीरों को ईश्वर जो कहे कोई!
लहू इनका ही पाकर के ज़िंदा इंसानियत अब तक,
आइए आगे पाकर रक्त आपका भी जिए कोई!!
चरम सीमा वात्सल्य की है जो करते रक्त का दान हैं,
तन से ज़्यादा जिनको प्यारी लगती दूजों की जान है,
अनजाने चेहरों की ख़ातिर बूँद बूँद जो लुटा देते,
निःस्वार्थ जो सेवा करते मानवता की सच्ची शान हैं!!
अनजानों की ख़ातिर जो रक्त का दान करते हैं,
लहू रगों में बहता है, धड़कन बनके धड़कते हैं,
जीते हैं जब तक प्राणी वो उनका उपकार निभाते हैं,
ऐसे फ़रिश्तों का हम सब शत् शत् अभिवंदन करते हैं!!
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