अमरत्व
काव्य साहित्य | कविता डॉ. प्रेम कुमार1 Nov 2023 (अंक: 240, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
हम कूद पड़ेंगे एक दिन
तीस्ता के खौलते-उफनते भँवर में
और अपने पुरखों की भाँति
हो जायेंगे हम भी
अमरत्व को प्राप्त
लैला-मजनूँ
हीर-राँझा
शीरीं-फ़रहाद
की तरह
क्योंकि
प्रेम ही सर्वत्व है
प्रेम ही देवत्व है
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