मैं फिर लौटूँगा
काव्य साहित्य | कविता डॉ. प्रेम कुमार1 Nov 2023 (अंक: 240, प्रथम, 2023 में प्रकाशित)
इन मेहराबों, गुम्बदों
ऊँची अट्टालिकाओं
और विशाल पहाड़ों को चीरकर
मैं फिर लौटूँगा
एक दिन
हवा
पानी
या,
परिन्दा बनकर
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