चलो सुनाओ नयी कहानी
बाल साहित्य | बाल साहित्य कविता दिविक रमेश12 Jan 2016
अगर सुनानी तो नानू बस
झट सुना दो एक कहानी
देर करोगे तो सच कहती
अभी बुलाती हूँ मैं नानी
बोली डोलू बहुत ’बिजी‘ हूँ
तुम तो नानू बिल्कुल खाली
कितने काम पड़े हैं मुझको
नहीं मैं ज्यादा रुकने वाली
टीवी अभी देखना मुझको
होम वर्क अभी करना है
कम्प्यूटर पर अभी खेलना
फोन सहेली से करना है
नानू इसीलिए कहती हूँ
झट कहानी मुझे सुनाओ
चली गई तो पछताओगे
मत इतना नानू इतराओ
नहीं आऊँगी नानू फिर मैं
चॉकलेट भी अगर दिखाओ
शुरू करो अब शुरू करो न
चलो कहानी अभी सुनाओ।
सोचूँगी नानू हैं बुद्धू
अगर सुनाई नहीं कहानी
पुस्तक से ही पढ़ लूँगी मैं
एक नई से नई कहानी।
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