हक की तहकीकात
काव्य साहित्य | कविता दिविक रमेश12 Jan 2016
(खुली आँखों में आकाश से)
यही है वह लड़का
आवारा
जाने कैसे हैं माँ-बाप
जना और छोड़ दिया।
यही है
खतरनाक निशान को
छूकर भी
ज़िन्दा है।
तहकीकात हुई,
लोगों ने पाया
कि यह लड़का
’अनपढ और गंवार है‘
या यूँ कह लें
’नथिया का बेटा चमार है।‘
तहकीकात हुई
लोगों ने पाया
कि इसके खानदान में
जो भी
खतरों से खेला
नहीं बचा
यह पहला है।
तहकीकात हुई
लोगों ने पाया
यह वही लड़का है
चौधरी के खेत में
जो जबरन घुसा था।
यह वही लड़का है
जो गांव के कुएँ की
जगत पर चढ़ा थ।
यह वही लड़का है
जिसने
हरीराम पंडत की
लांगड़ खोल
मखौल उड़ाया था
घोषणा हुई
’यह लड़का खतरनाक है।‘
तहकीकात
एक और भी हुई
पता चला
कि बहुत से खतरनाक निशान
खेत में गड़े डरावों से
महज निशान होते हैं।
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