हमारे राम!
काव्य साहित्य | कविता प्रभुनाथ शुक्ल1 Feb 2024 (अंक: 246, प्रथम, 2024 में प्रकाशित)
राम
बस! स्वयं में परिपूर्ण
राम
भाषा, परिभाषा से मुक्त
राम
अनंत और असीम
राम
समर्पण, त्याग और पराक्रम
राम
यत्र-तत्र और सर्वत्र
राम
कण-कण में जन-जन में
राम
व्यक्त और अव्यक्त
राम
संस्कृति और संस्कार
राम
भक्ति-भाव और शक्ति
राम
ओम और व्योम
राम
शस्त्र और शास्त्र
राम
विज्ञान और विमर्श
राम
अयोध्या और सरयू
राम
सत्य और सनातन
राम
सत्यम-शिवम-सुंदरम
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