अन्तरजाल पर
साहित्य-प्रेमियों की विश्राम-स्थली

काव्य साहित्य

कविता गीत-नवगीत गीतिका दोहे कविता - मुक्तक कविता - क्षणिका कवित-माहिया लोक गीत कविता - हाइकु कविता-तांका कविता-चोका कविता-सेदोका महाकाव्य चम्पू-काव्य खण्डकाव्य

शायरी

ग़ज़ल नज़्म रुबाई क़ता सजल

कथा-साहित्य

कहानी लघुकथा सांस्कृतिक कथा लोक कथा उपन्यास

हास्य/व्यंग्य

हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी हास्य व्यंग्य कविता

अनूदित साहित्य

अनूदित कविता अनूदित कहानी अनूदित लघुकथा अनूदित लोक कथा अनूदित आलेख

आलेख

साहित्यिक सांस्कृतिक आलेख सामाजिक चिन्तन शोध निबन्ध ललित निबन्ध हाइबुन काम की बात ऐतिहासिक सिनेमा और साहित्य सिनेमा चर्चा ललित कला स्वास्थ्य

सम्पादकीय

सम्पादकीय सूची

संस्मरण

आप-बीती स्मृति लेख व्यक्ति चित्र आत्मकथा यात्रा वृत्तांत डायरी रेखाचित्र बच्चों के मुख से बड़ों के मुख से यात्रा संस्मरण रिपोर्ताज

बाल साहित्य

बाल साहित्य कविता बाल साहित्य कहानी बाल साहित्य लघुकथा बाल साहित्य नाटक बाल साहित्य आलेख किशोर साहित्य कविता किशोर साहित्य कहानी किशोर साहित्य लघुकथा किशोर हास्य व्यंग्य आलेख-कहानी किशोर हास्य व्यंग्य कविता किशोर साहित्य नाटक किशोर साहित्य आलेख

नाट्य-साहित्य

नाटक एकांकी काव्य नाटक प्रहसन

अन्य

पत्र कार्यक्रम रिपोर्ट सम्पादकीय प्रतिक्रिया पर्यटन

साक्षात्कार

बात-चीत

समीक्षा

पुस्तक समीक्षा पुस्तक चर्चा रचना समीक्षा
कॉपीराइट © साहित्य कुंज. सर्वाधिकार सुरक्षित

सिक्त मन का श्रावण 

 

(सॉनेट) 
 
कहीं किसी पर्वत से मिलकर आया यह बादल 
रो रहा रह रहकर . . अश्रुवारि से लिख रहा ग़ज़ल 
मोहवश होकर पृथ्वी गा रही है पीड़ा की गीतिका 
मन के कोने में कोई अपरिचित जला रहा वर्तिका 
 
विवश इच्छाओं का जल चढ़ा रहा हूँ शिव पर 
मंत्र ध्वनि से बरसा रहा पराग रेणु कंपित अध्वर 
जीव-जीव जब प्राण रत्न पाकर हो रहे मुदित 
मैं सिक्त मन के श्रावण में समेट रहा स्मृतियाँ नित 
 
हो रहा व्यतीत अंतरिक्ष में प्रत्येक क्षण हो आतुर 
धूसर रंग की महक में ढूँढ़ रहा मैं मेरा दग्ध उर 
बर्फ़ीली पथ पर रखते हुए पाँव अतीत है आता 
न जाने श्रावण का माह इतना शुष्क क्यों हो जाता!! 
 
सोया हुआ है निदाघ होकर चेतना शून्य सदियों से 
नहीं थमेगा यह ज्वार . . इन भीष्म दहाड़ वारिदों से। 

अन्य संबंधित लेख/रचनाएं

'जो काल्पनिक कहानी नहीं है' की कथा
|

किंतु यह किसी काल्पनिक कहानी की कथा नहीं…

14 नवंबर बाल दिवस 
|

14 नवंबर आज के दिन। बाल दिवस की स्नेहिल…

16 का अंक
|

16 संस्कार बन्द हो कर रह गये वेद-पुराणों…

16 शृंगार
|

हम मित्रों ने मुफ़्त का ब्यूटी-पार्लर खोलने…

टिप्पणियाँ

कृपया टिप्पणी दें

लेखक की अन्य कृतियाँ

कविता

अनूदित कविता

ग़ज़ल

विडियो

उपलब्ध नहीं

ऑडियो

उपलब्ध नहीं