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अम्बर बाँचे पाती

... साँझ और रात भी कम सुन्दर नहीं। साँझ होते ही स्वर्णिम धूप के पन्ने गुलाबी होने लगे हैं, कहीं सिन्दूरी साँझ होने पर आकाश का लोहित होना और धूप का लेटना, घुली चाँदनी का आँगन के कसोरे में उतरने का रूपक, सर्द चाँदनी का रात भर चुम्बन उलीचना अभिव्यक्ति सौन्दर्य में रंग भर देते हैं-

  • साँझ ढली तो / स्वर्ण धूप के पन्ने / हुए गुलाबी।
  • सिंदूरी साँझ / गगन है लोहित / लेटी है धूप।
  • घुली चाँदनी / आँगन के कसोरे / महके प्यार।
  • सर्द चाँदनी / उलीचे रात भर / भीगे चुम्बन। 

-रामेश्वर काम्बोज "हिमांशु"

 

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