चेहरा
काव्य साहित्य | कविता हिमानी शर्मा1 Apr 2024 (अंक: 250, प्रथम, 2024 में प्रकाशित)
इस चेहरे की हँसी की कहानी अलग है,
इसमें ठहरी ख़ुशी की ज़ुबानी अलग है।
ना पहना उसने कोई, नक़ाब कभी था,
ना कहना था उसने कि, परेशानी अलग है,
इस चेहरे की अपनी निशानी अलग है,
इसकी हसी की हर पल कहानी अलग है।
उदास है कहकर, जब दिखाए इसे कोई,
कहता है ये, जो भी है, मेरी ज़ुबानी अलग है,
नज़रों की माने या ज़ुबानी पहचाने,
इस चेहरे की हर पल कहानी अलग है।
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