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शिव हैं

मेरी मंज़िल भी शिव हैं, और रास्ता भी शिव हैं, 
मेरे गिर कर उठने का वास्ता भी शिव हैं। 
मेरा तय किया हुआ फ़ैसला भी शिव हैं, 
और रुक जाऊँ कहीं तो आसरा भी शिव हैं। 
मेरी पूजा भी शिव और भक्ति भी शिव हैं, 
मेरी ईश्वर में रही आस्था ही शिव हैं। 
मेरा जीवन भी शिव है, उसकी श्वास भी शिव हैं, 
मेरे जीवित होने का आभास ही शिव हैं।

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टिप्पणियाँ

Ankita Joshi 2022/10/06 06:36 PM

ॐ नमः शिवाय He resides everywhere. He is the beginning, he is the end.

Vikash Sharma 2022/10/06 05:05 PM

This is really beautifully written text. Everything is Shiva and what is nothing is Shiva too.

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