सत्य के पथ पर
काव्य साहित्य | कविता बीना राय15 Sep 2021 (अंक: 189, द्वितीय, 2021 में प्रकाशित)
सत्य के पथ पर चलोगे तो
सामना संघर्षों से, तुम्हारा
हर क़दम होगा।
झूठ की छोटी सी जीत पर,
सत्य के बारे में तुम्हें
ना जाने कितना भरम होगा
तुम हारोगे बहुत बार
और तुम्हें घाव मिलेंगे हज़ार
पर तुम गिर कर भी बारहा उठोगे
और ख़ुदा ख़ुद खड़ा तुम्हारे राह में
लेकर आशीष का मरहम होगा।
फिर झूठ तुम्हें भरमा नहीं पाएगा
और दृढ़ विश्वास ज़रा भी नहीं डगमगाएगा
तुम जीतोगे किसी भी हाल में
और हर तरफ़ लहरा रहा
तुम्हारे नाम का परचम होगा।
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